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Showing posts from August, 2019

कश्मीर की स्वतंत्रता और सुरक्षा में संघ का योगदान

नरेंद्र सहगल भारत की सर्वांग स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं विकास के ध्येय के साथ आगे बढ़ रहे संघ के स्वयंसेवकों ने जम्मू-कश्मीर की रक्षा, भारत में विलय, अनुच्छेद 370 तथा 35/ए   का विरोध, भारतीय सेना की सहायता, कश्मीर से विस्थापित कर दिए गए लाखों हिंदुओं की सम्भाल, अमरनाथ भूमि आंदोलन,तिरंगे झण्डे के लिए बलिदान इत्यादि अनेकों मोर्चों पर स्वयंसेवकों ने मुख्य भूमिका निभाई है | वर्तमान में भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 तथा 35/ए को हटाने, जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन करने, लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करने एवं जम्मू और कश्मीर का ‘पूर्ण राज्य’ का दर्जा वापस लेने जैसे साहसिक एवं ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं | इतनी प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति के निर्माण में संघ शाखाओं में दिए जाने वाले राष्ट्रभक्ति के संस्कारों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता | जम्मू-कश्मीर की स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं विकास के सभी मोर्चों पर स्वयंसेवकों ने बलिदान देकर अपनी राष्ट्रभक्ति का परिचय दिया है | अतः वर्तमान में हुए ऐतिहासिक परिवर्तन को समझने के लिए स्वयंसेवकों द्वारा 72 वर्ष तक किए गए संघर्ष की जानक...

समग्र क्रांति के अग्रदूत योगेश्वर श्रीकृष्ण

                                                                           24 अगस्त जन्माष्टमी पर विशेष नरेन्द्र सहगल अधर्मियों, आतंकवादियों, समाजघातकों, देशद्रोहियों और भ्रष्टाचारियों को समाप्त करने के उद्देश्य से धराधाम पर अवतरित हुए योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्म से लेकर अंत तक अपने निर्धारित उद्देश्य के लिए सक्रिय रहे। वे एक आदर्श क्रांतिकारी थे। कृष्ण के जीवन की समस्त लीलाएं/क्रियाकलाप प्रत्येक मानव के लिए प्रेरणा देने वाले अदभुत प्रसंग हैं। इस संदर्भ में देखें तो श्रीकृष्ण का सारा जीवन ही कर्म क्षेत्र में उतरकर समाज एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए निरंतर संघर्षरत रहने का अतुलनीय उदाहरण है। आदर्शों/सिद्धान्तों को व्यवहार में उतारने का दिशा निर्देश है। योगेश्वर कृष्ण की जीवनयात्रा कंस के कारावास की कठोर कोठरी से प्रारम्भ होती है। जेल में यातनाएं सह रहे वासुदेव और देवकी की कोख से जन्म लेकर और...

अज्ञात स्वतंत्रता सेनानी : डॉक्टर हेडगेवार – 16

नरेंद्र सहगल सर्वांग स्वतंत्रता की ओर संघ के बढ़ते कदम 15 अगस्त 1947 को देश दो भागों में विभक्त हो गया. ‘इंडिया दैट इज़ भारत’ और ‘पाकिस्तान’. भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त होने बाद गांधी जी ने ‘कांग्रेस का काम पूरा हो गया , अब इसे समाप्त कर के एक सेवादल के रूप में परिवर्तित कर देना चाहिए’ का सुझाव कांग्रेस के नेताओं के समक्ष रखा था. परन्तु सत्ता के मोह में फंस चुके कांग्रेस के नेताओं ने गांधी जी की एक न सुनी. दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य केवल राजनीतिक स्वाधीनता न होकर ‘अखंड भारत की सर्वांग स्वतंत्रता’ था , अतः संघ ने अपना स्वतंत्रता संग्राम जारी रखा. महात्मा गांधी जी के सिद्धान्तों , आदर्शों और कार्य संस्कृति की अवहेलना करके कांग्रेसी सत्ताधारियों ने पाकिस्तान के अस्तित्व को ‘सैटल्ड फैक्ट’’ मानते हुए अंग्रेजों की भारत विरोधी कुटिल चाल पर संवैधानिक मोहर लगाकर जो महापाप किया , उसका नतीजा न केवल भारत ही भुगत रहा है , अपितु सारी दुनिया पाकिस्तानी आतंकवाद का शिकार हो रही है. भारत विभाजन के बाद बचे हुए भारतवर्ष में ब्रिटिश सत्ताधारियों द्वारा बनाए गए 1...

अज्ञात स्वतंत्रता सेनानी : डॉक्टर हेडगेवार – 15

नरेंद्र सहगल अखंड भारत की सर्वांग स्वतंत्रता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग की पूर्ण सहमति के बाद विश्व के सबसे प्राचीन राष्ट्र के टुकड़े कर के अंग्रेज अपने घर चले गए. इस दुर्भाग्यशाली अवसर पर ‘अखंड भारत की पूर्ण स्वतंत्रता’ के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा कितना रोई होगी , कितना तड़पी होगी , इसका अंदाजा वह कांग्रेसी नहीं लगा सकते जो हाथ में कटोरा लेकर अंग्रेजों से आजादी की भीख मांगते रहे. उल्लेखनीय है कि 1200 वर्षों के विदेशी अधिपत्य को भारत के राष्ट्रीय समाज ने एक दिन भी स्वीकार नहीं किया. प्रत्येक पीढ़ी आजादी की जंग को लड़ते हुए आने वाली पीढ़ी के हाथ में संघर्ष की बागडोर सौंपते चली गई. जब यह बागडोर इंडियन नेशनल कांग्रेस के हाथों में पहुंची तो याचक की तरह आजादी मांगने की कायर मनोवृत्ति प्रारम्भ हो गई. फलस्वरूप सदियों पुराने राष्ट्र को तोड़कर पाकिस्तान का निर्माण कर दिया गया. दुनिया के नक्शे पर उभरकर आया यह पाकिस्तान भारत पर हुए विदेशी आक्रमणकारियों का विजयस्तम्भ है. यही विजयस्तम्भ अर्थात् पाकिस्तान आज दुनियाभर में मानवता...