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Showing posts from September, 2019

कश्मीर : अतीत से आज तक – अंतिम भाग

भावी स्वर्णिम कश्मीर नरेन्द्र सहगल पाकिस्तान प्रेरित मजहबी आतंकवाद को जन्म और संरक्षण देकर कश्मीर को भारत की मुख्य राष्ट्रीय धारा से काटने वाली अलगाववादी व्यवस्था समाप्त हो गई है। भारतीय सविधान के अस्थाई अनुच्छेद 370 और कश्मीर के कुछ इनेगिने परिवारों कि राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक रोजी-रोटी सुरक्षित रखने का बंदोबस्त करने वाला अध्यादेश 35ए अब नहीं रहे। जम्मू-कश्मीर के सरकारी और गैर सरकारी भवनों, मंत्रियों, सरकारी अफसरों की गाड़ियों पर अलगाववादी लाल झंडा उतर गया है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा शान से लहरा रहा है। कश्मीर अब अपने सनातन गौरवशाली वैभव को प्राप्त करेगा,ऐसा विश्वास प्रत्येक भारतीय के मन में जाग उठा है। कश्मीर के गौरवशाली अतीत की संक्षिप्त जानकारी पूर्व के दो लेखो- ‘ धर्मरक्षक आध्यात्मिक कश्मीर ’ और ‘ वीरव्रती दिग्विजयी कश्मीर ’ में दी है। इसी तरह इस वैभव की पतनावस्था की जानकारी तीसरे लेख ‘कट्टरपंथी धर्मान्तरित कश्मीर’ नामक लेख में दी गई है । भारत के नंदनवन कश्मीर के वैभव और पतन के बाद अब भविष्य के ‘स्वर्णिम कश्मीर’ का खाका तैयार करने और उसके अमल पर चिंत...

कश्मीर : अतीत से आज तक – भाग तीन

कट्टरपंथी धर्मान्तरित कश्मीर नरेंद्र सहगल सारे देश में चलती धर्मान्तरण की खूनी आंधी की तरह ही कश्मीर में भी विदेशों से आए हमलावरों की एक लंबी कतार ने तलवार के जोर पर हिंदुओं को इस्लाम कबूल करवाया है। इन विदेशी और विधर्मी आक्रमणकारियों ने कश्मीर के हिंदू राजाओं और प्रजा की उदारता, धार्मिक सहनशीलता, अतिथिसत्कार इत्यादि मानवीय गुणों का भरपूर फायदा उठाया है। यह मानवता पर जहालत की विजय का उदाहरण है। हालांकि कश्मीर की अंतिम हिन्दू शासक कोटा रानी (सन् 1939 ) के समय में ही कश्मीर में अरब देशों के मुस्लिम व्यापारियों और लड़ाकू इस्लामिक झंडाबरदारों का आना शुरू हो गया था, परंतु कोटा रानी के बाद मुस्लिम सुल्तान शाहमीर के समय हिंदुओं का जबरन धर्मान्तरण शुरू हो गया। इसी कालखण्ड में हमदान (तुर्किस्तान–फारस) से मुस्लिम सईदों की बाढ़ कश्मीर आ गई। महाषड्यंत्रकारी सईदों का वर्चस्व सईद अली हमदानी और सईद शाहे हमदानी इन दो मजहबी नेताओं के साथ हजारों मुस्लिम धर्मप्रचारक भी कश्मीर में आ धमके (सन् 1372 )। इन्हीं सईद सूफी संतों ने मुस्लिम शासकों की मदद से कश्मीर के गांव-गांव में मस्जिदे...

कश्मीर : अतीत से आज तक – भाग दो

वीरव्रती दिग्विजयी कश्मीर नरेन्द्र सहगल हम सभी भारतीयों को कश्मीर की गौरवमयी क्षात्र परंपरा और अजय शक्ति पर गर्व है। विश्व में मस्तक ऊंचा करके 4000 वर्षों तक स्वाभिमान पूर्वक स्वतंत्रता का भोग कश्मीर ने अपने बाहुबल पर किया है। इस धरती के हिन्दू शूरवीरों ने कभी विदेशी आक्रमणकारियों और उनके शस्त्रों के सम्मुख मस्तक नहीं झुकाए। मध्य एशिया तक फैला कश्मीर राज्य अनेक शताब्दियों तक इस वीरभूमि के रणबांकुरों ने विदेशों से आने वाली घोर रक्तपिपासु तथा जालिम कहलाने वाली जातियों और कबीलों के जबरदस्त हमलों को अपनी तलवारों से रोका है। आधुनिक इतिहास के पन्ने भी साक्षी हैं कि कश्मीर  की खड़ग के वार मध्य एशिया के सुदूर क्षेत्रों तक पड़े थे। कश्मीर की इस दिग्विजयी विरासत को नकारा नहीं जा सकता। सनातन कश्मीर का विस्तृत इतिहास राजतरंगिणी नामक ग्रंथ में मिलता है। यह सारा इतिहास महाभारत काल से प्रारम्भ होता है। इस दिग्विजयी कालखंड का प्रारंभ गोनंद नामक सम्राट के शासनकाल में हुआ था। पाण्डव वंश के राजाओं ने भी कश्मीर पर राज किया। पाण्डव नरेश संदीपन की देखरेख में ही प्रसिद्ध शंकराचार्य मंदिर का नि...

कश्मीर : अतीत से आज तक – भाग एक

धर्म-रक्षक आध्यात्मिक कश्मीर नरेन्द्र सहगल पिछले अनेक वर्षों से मजहबी कट्टरपन , भारत विरोध और हिंसक जिहाद के संस्कारों में पल कर बड़ी हुई कश्मीर घाटी की युवा पीढ़ी को भारत की मुख्य राष्ट्रीय धारा में लाना वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है । इसके लिए कश्मीर के उज्ज्वल अतीत का इतिहास पढ़ाया जाना अतिआवश्यक है । तभी युवा कश्मीरियों को सनातन (वास्तविक) कश्मीरियत का ज्ञान होगा और वे हिंसक जिहाद के अमानवीय मक्कड़जाल से बाहर निकलकर अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ सकेंगे । नीलमत पुराण में स्पष्ट वर्णन मिलता है कि भारत का प्राय: सारा क्षेत्र एक भयानक जलप्रलय के परिणाम स्वरूप पानी से भर गया था । कालान्तर में भारत के सभी क्षेत्र पानी निकल जाने के कारण जीवन यापन के योग्य हो गए । परंतु भारत के उत्तर में हिमालय की गोद में एक विशाल क्षेत्र अभी भी जलमग्न ही था । इस अथाह जल ने एक बहुत बड़ी झील का आकार ले लिया । कश्यप मुनि ने बसाया कश्मीर तत्पश्चात् इस झील में ज्वालामुखी फटने जैसी क्रिया हुई । झील के किनारे वाली पर्वतीय चोटियों में अनेक दरारें पड़ने से सारा पानी बाहर निकल गया ।...