भावी स्वर्णिम कश्मीर नरेन्द्र सहगल पाकिस्तान प्रेरित मजहबी आतंकवाद को जन्म और संरक्षण देकर कश्मीर को भारत की मुख्य राष्ट्रीय धारा से काटने वाली अलगाववादी व्यवस्था समाप्त हो गई है। भारतीय सविधान के अस्थाई अनुच्छेद 370 और कश्मीर के कुछ इनेगिने परिवारों कि राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक रोजी-रोटी सुरक्षित रखने का बंदोबस्त करने वाला अध्यादेश 35ए अब नहीं रहे। जम्मू-कश्मीर के सरकारी और गैर सरकारी भवनों, मंत्रियों, सरकारी अफसरों की गाड़ियों पर अलगाववादी लाल झंडा उतर गया है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा शान से लहरा रहा है। कश्मीर अब अपने सनातन गौरवशाली वैभव को प्राप्त करेगा,ऐसा विश्वास प्रत्येक भारतीय के मन में जाग उठा है। कश्मीर के गौरवशाली अतीत की संक्षिप्त जानकारी पूर्व के दो लेखो- ‘ धर्मरक्षक आध्यात्मिक कश्मीर ’ और ‘ वीरव्रती दिग्विजयी कश्मीर ’ में दी है। इसी तरह इस वैभव की पतनावस्था की जानकारी तीसरे लेख ‘कट्टरपंथी धर्मान्तरित कश्मीर’ नामक लेख में दी गई है । भारत के नंदनवन कश्मीर के वैभव और पतन के बाद अब भविष्य के ‘स्वर्णिम कश्मीर’ का खाका तैयार करने और उसके अमल पर चिंत...